LYRICS:
ॐ
गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥
ॐ गं गणपतये नमो नमः
ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नमो नमः
ॐ गं गणपतये नम:
तुम कहो तो चलूँ
तुम कहो तो रुकूँ
है सुमिरन से भरी
साँसों की यह लड़ी
गजवंदना
हे दयामय हे कृपामय
गजवंदना
क्या करूँ मैं हूँ दुविधा में
गजवंदना
यूँ तो सारे खड़े
सुख बड़े से बड़े
फिर ये क्या है तड़प
जो बुझे न बुझे
गजवंदना
हे दयामय हे कृपामय
गजवंदना
जब अका भी दिया
और छका भी दिया
दर बदर ढूँढता
क्यों फिरे बावला
गजवंदना
हे दयामय हे कृपामय
गजवंदना
मैं तो प्रेम करूँ
लेन देन नहीं
जो समाधि लगे
तो परम पद मिले
गजवंदना
हे दयामय हे कृपामय
गजवंदना
क्या करूँ मैं हूँ दुविधा में
गजवंदना
हे दयामय हे कृपामय
गजवंदना
ॐ गं गणपतये नमो नमः
ॐ गं गणपतये नम:
ॐ गं गणपतये नमो नमः
ॐ गं गणपतये नम:
© 2024 Kailasa Entertainment Pvt. Ltd.